उत्तराखंड में अग्निपथ स्कीम (Agnipath recruitment in uttarakhand) के तहत बहुत जल्द, अगले महीने अगस्त में आर्मी की भर्तियां शुरू होनी ही। ये सीधी भर्ती गढ़वाल और कुमाऊं के अलग अलग जगहों पर होनी है जिसके लिए आपको पहले ऑनलाइन अप्लाई करना होगा। उत्तराखंड में होने जा रही सेना की इस भर्ती की तारीखों जगहों का एलान उत्तराखंड में अग्निपथ योजना के जोनल रिक्रूटिंग ऑफिसर मेजर जनरल एन.एस. राजपुरोहित ने की है।
Agnipath recruitment in uttarakhand
अग्निपथ योजना के जोनल रिक्रूटिंग ऑफिसर मेजर जनरल एन.एस. राजपुरोहित ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से हुई मुलाकात के दौरान जानकारी दी है कि उत्तराखण्ड में अगस्त और सितम्बर में अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। मेजर जनरल एन.एस. राजपुरोहित ने बताया की इस भर्ती प्रक्रिया के लिए ऑनलाईन पंजीकरण प्रक्रिया सेना की वेबसाईट http://www.joinindianarmy.nic.in के माध्यम से शुरू हो गयी है।
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गढ़वाल में 19 अगस्त और कुमाऊं में 20 अगस्त से शुरू होगी भर्ती
अग्निपथ योजना के जोनल रिक्रूटिंग ऑफिसर मेजर जनरल एन.एस. राजपुरोहित ने भर्ती की तारीखों के बारे में जानकारी देते हुए बताया की गढ़वाल मंडल के सभी जनपदों के लिए भर्ती रैली 19 अगस्त, 2022 से 31 अगस्त, 2022 तक कोटद्वार में आयोजित की जाएगी। इसी प्रकार कुमाऊं रीजन में अल्मोड़ा, बागेश्वर, नैनीताल और उधमसिंह नगर के लिए भर्ती रैली 20 अगस्त, 2022 से 31 अगस्त, 2022 तक रानीखेत में और चम्पावत और पिथौरागढ़ जनपदों के लिए 05 सितम्बर, 2022 से 12 सितम्बर, 2022 तक पिथौरागढ़ में भर्ती रैली आयोजित की जाएगी।
उत्तराखंड सरकार भर्ती में देगी सहयोग
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मेजर जनरल एन.एस. राजपुरोहित को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार भर्ती प्रक्रिया में सेना को हर सम्भव सहयोग उपलब्ध कराएगी। राज्य के युवाओं भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने में किसी भी प्रकार की समस्या न हो, इसके लिए शासन प्रशासन द्वारा हर सम्भव प्रयास किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने भर्ती प्रक्रिया को सुव्यवस्थित तरीके से संचालित करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिये कि भर्ती स्थलों में रहने-खाने, शेल्टर आदि के साथ ही बिजली, पानी, सफाई एवं टॉयलेट्स की उचिव व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। एम्बुलेंस, मेडिकल ऑफिसर आदि की व्यवस्था भी की जाए।
सीएम धामी ने की अग्निपथ योजना की तारीफ
मुख्यमंत्री ने कहा कि अग्निपथ योजना देशहित में लाई गई है। चयनित अग्निवीरों में से 25 प्रतिशत तो नियमित किये ही जाएंगे, बाकी 75 प्रतिशत के लिये भी विभिन्न अर्धसैन्य बलों, राज्यों के पुलिस बलों व अन्य संस्थानों में व्यवस्था की जा रही है। सेना के अनुशासन में प्रशिक्षित अग्निवीर को सभी जगह निश्चित तौर पर प्राथमिकता मिलेगी। उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ ही वीर भूमि और सैन्य भूमि भी है। उत्तराखण्ड के युवाओं में देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी है। अधिकांश युवाओं ने अग्निपथ योजना का स्वागत किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का पूरा जीवन देशहित को समर्पित है। उन्होंने अभी तक जो भी निर्णय लिये, देशहित में लिये। अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति का कल्याण उनकी प्राथमिकता है। लम्बे समय तक लम्बित वन रैंक वन पेंशन के संबंध में उनके द्वारा ही निर्णय लिया गया। सियाचीन में तैनात सैनिकों के उच्च स्तरीय उपकरण, आदि की उन्होंने व्यवस्था कराई।