जोशीमठ आपदा Joshimath sinking को लेकर के आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने मौजूदा स्थिति की अपडेट दी साथ ही उन्होंने आपदा पीड़ितों को मिलने वाले मुआवजे को लेकर के खड़ी हो रही कन्फ्यूजन की स्थिति का स्पष्ट जवाब दिया।
Joshimath disaster relief and compensation amount
राहत राशि और मुवावजे का पूरा विवरण
- जोशीमठ में हर पीड़ित परिवार को डेली खर्च हेतु दी जा रही है 5000 रुपए की राशि जो कि अब तक 73 परिवारों को कुल 3.65 लाख रुपए दी जा चुकी है। यह राशि सभी को दी जानी है।
- SDRF के मानकों के तहत तिक्ष्ण/पूर्ण क्षतिग्रस्त प्रति भवन को दिया जाने वाली राशि 1.30 लाख अब तक 10 परिवारों को कुल 13 लाख रुपए दिए जा चुके हैं। यह राशि SDRF के मानकों के अनुसार दी जानी है।
- शुरुवात में 3 परिवार ऐसे थे जो खतरे को देखते हुए खुद दूसरी जगह पर अपनी व्यवस्था पर चले गए थे उन्हें वहां रहने के लिए 4 हजार किराए दिया जा रहा है। किराया राहत शिविरों में रहने वालो को नहीं दिया जा रहा है। लेकिन किराए पर रहने वाले बाकी सभी प्रकार के मुआवजे के पात्र है, डेली खर्च वाले 5 हजार रुपए के भी।
- सरकार द्वारा की गई स्पेशल पुनर्निवास पैकेज की घोषणा के तहत एडवास दिए जा रहे 1 लाख रुपए की राशि सभी को दी जानी है जो बाद में एसिसमेंट ने एडजस्ट होगी वो भी अब तक 42 परिवारों को 42 लाख रुपए दी जा चुकी है। यह राशि भी अभी फिलहाल सभी को दी जानी है बाद में आंकलन के बाद कुल मुवावजे में से घटाई जायेगी।
- जोशीमठ में हर एक पीड़ित परिवार को सरकार द्वारा अपने समान की ढुलाई और बाकी जरूरी खर्चों सहित अन्य जरूरतों के लिए प्रति परिवार ग्रांट के रूप में 50 हजार रूप में दिए जा रहे हैं। जो की अब तक 42 परिवारों को 21 लाख बांटे जा चुके हैं।
दरारों वाले भवनों को संख्या बढ़कर हुई 760
जोशीमठ में लगातार दस रही जमीन और घरों में पढ़ रही दरारों के ताजा हालातों की जानकारी देते हुए आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि अब तक 760 घरों को चयनित किया गया है जिनमें दरारें पाई गई है तो वहीं इनमें से 128 भवन बेहद असुरक्षित जोन में है जिन्हें प्राथमिकता से लिया जा रहा है। कोई इसके अलावा जोशीमठ में चल रहे राहत और विस्थापन के कार्यों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि अब तक कुल 169 परिवारों को विस्थापित कर सुरक्षित जगह पर ले जाया जा चुका है जिसमें की तकरीबन कुल लोगों की संख्या 589 है। वही इसके अलावा उन्होंने अस्थाई रूप से बनाए जा रहे हैं राहत शिविरों में और जोशीमठ में अस्थाई रूप से विस्थापन के लिए मौजूद भावनो और उनकी क्षमता के बारे में भी जानकारी दी।