Harish Rawats BeurocracyHarish Rawats Beurocracy

10 मार्च को चुनाव परिणाम आने हैं ऐसे में अगर सत्ता परिवर्तन होता है और हरीश रावत मुख्यमंत्री बनते हैं तो उत्तराखंड की ब्यूरोक्रेसी की तस्वीर कैसी होगी इस बात में हर किसी में जिज्ञासा है।

How will be the bureaucracy of Uttarakhand under Harish Rawat ?

उत्तराखंड की सियासत और ब्यूरोक्रेसी (Harish Rawats Beurocracy)

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Harish Rawat उत्तराखंड की सियासत और उससे जुड़ी ब्यूरोक्रेसी हमेशा सियासी गलियारों की सबसे ज्यादा चटकारे लेकर की जाने वाली चर्चा है। माना जाता है कि प्रदेश में सरकार और मुखिया बदलती ही ब्यूरोक्रेसी में सबसे ज्यादा जिज्ञासा इस बात को लेकर के होती है कि अब कौन सत्ता के करीब रहेगा और किसे दूर एक किनारे फेंक दिया जाएगा। यही वजह है कि राजनीतिक नब्ज को समझते हुए ब्यूरोक्रेसी के नुमाइंदे भी लगातार सत्ता के मूड के हिसाब से खुद को तैयार कर लेते है। उत्तराखंड में अब तक भाजपा के प्रचंड बहुमत की सरकार थी और कांग्रेस अपने अब तक के निम्नतम पायदान पर थी। ऐसे में चुनाव के बाद माना जा रहा है कि शिखर पर मौजूद भाजपा नीचे आएगी और अपने निम्नतम स्तर पर मौजूद कांग्रेस ऊपर की तरफ जाएगी। हालांकि भाजपा की गिरावट और कांग्रेस की बढ़त कहां पर जाकर रुकती है यह 10 मार्च को तय होगा। उसी दिन सत्ता का सेहरा किसके सर बनेगा इसकी भी तस्वीर काफी हद तक स्पष्ट हो जाएगी। लेकिन अगर कांग्रेस सरकार बनाती है और हरीश रावत मुख्यमंत्री बनते हैं तो ब्यूरोक्रेसी का मॉडल किस तरह का होगा इसको समझने की कोशिश कीजिएगा।

अपने एक चहिते को दिल्ली से लेकर आये थे हरीश रावत

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बात शुरुआत से करते हैं जब हरीश रावत पहली दफा सीएम बने थे। दरअसल हरीश रावत जब पहली दफा मुख्यमंत्री बने तो वह उस से पहले केंद्र में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री से और उत्तराखंड आने पर वह दिल्ली पर एक अधिकारी को अपने साथ लेकर आए थे जिनका नाम मोहम्मद शाहिद था और उन्हें हरीश रावत ने सचिव मुख्यमंत्री बनाया था। लेकिन हरीश रावत और मोहम्मद शाहिद का सफर ज्यादा दिन तक एक नहीं रह पाया क्योंकि FL2 घोटाले मामले में मोहम्मद शाहिद का स्टिंग हुआ और उन्हें वापस दिल्ली भेजना पड़ा। उस समय माना जाता था कि हरीश रावत और उस टाइम के टॉप ब्यूरोक्रेट्स राकेश शर्मा में बनती नहीं थी लेकिन बाद में परिस्थितियां बदली और आईएएस अधिकारी राकेश शर्मा के साथ हरीश रावत की करीबयां बढ़ने लगी यह करीबी इतनी प्रगाढ़ हो गई कि हरीश रावत ने राकेश शर्मा के रिटायरमेंट के बाद भी शासन में केवल राकेश शर्मा के लिए एक नई पोस्ट क्रिएट की और पहली दफा उत्तराखंड में प्रधान सचिव यानी प्रिंसिपल सेक्रेटरी की पोस्ट क्रिएट की गई और राकेश शर्मा को प्रधान सचिव बनाया गया।

हरीश रावत की गुड बुक में कौन-कौन

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हरीश रावत की ब्यूरोक्रेट्स को लेकर गुड बुक की बात करें तो हरीश रावत के कार्यकाल में कई ऐसे आईएएस अधिकारी थे जिनसे हरीश रावत की ट्यूनिंग बेहद अच्छी थी लेकिन आज की तारीख में उनमें से कई अधिकारी रिटायर हो चुके हैं जिनमें से सबसे पहला नाम है DS गबरियाल इसके अलावा और भी कई ऐसे अधिकारी बताया जाते हैं जो कि अब रिटायर हो चुके हैं। लेकिन प्रशासनिक तंत्र में जो अधिकारी अभी भी मौजूद हैं उनमें से अगर हरीश रावत की गुड बुक में आने वाले अधिकारियों की बात करें तो अरविंद सिंह ह्यांकी, एन रवी शंकर के अलावा जिस अधिकारी को हरीश रावत की सरकार के लिए सबसे अहम माना जाता है वह है आर मीनाक्षी सुंदरम, । मौजूदा दौर की बात करें तो ब्यूरोक्रेसी को लेकर आखरी जो सबसे बड़ा अनुभव है वह त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास है और हरीश रावत की त्रिवेंद्र रावत से भले ही राजनीतिक प्रतिद्वंदिता है लेकिन कुछ मामलों में समानता भी है और दोनों की अच्छे सम्बन्ध भी है तो ऐसे में माना जा रहा है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के करीबी अधिकारियों को भी तवज्जो दी जा सकती है जिसमें मनीषा पवार एक नाम है जो कि हरीश रावत की गुड बुक में भी नजर आ सकती है इसके अलावा दिलीप जावलकर, आनंद वर्धन कुछ ऐसे अधिकारी हैं जो हरीश रावत की गुड बुक में हो सकते हैं।

कुछ अधिकारी हर किसी की गुड बुक में, सिस्टम को इनकी जरूरत

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उत्तराखंड शासन में कुछ अधिकारी ऐसे भी हैं जो हर नेता की गुड बुक में है यह अधिकारी ऐसे अधिकारी हैं जिनकी सिस्टम को जरूरत है प्रशासनिक तंत्र इनके बिना अधूरा है। बड़ी बात यह है कि इन अधिकारियों पर किसी का ठप्पा नहीं है और इनकी कार्यशैली पर किसी भी नेता के आने का कोई खास असर पड़ता नहीं है जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण नाम है अमित नेगी। वित्त का बड़ा अनुभव रखने वाले आईएएस अधिकारी अमित नेगी सहित शासन में कुछ ऐसे आईएएस अधिकारी हैं जो कि हर किसी की गुड बुक में है। आईएएस अधिकारी अमित नेगी उन अधिकारियों में से हैं जो अपनी मेहनत कर्तव्यनिष्ठ था और अपने सौम्य स्वभाव के चलते हर किसी नेता और कर्मचारी के चहिते हैं।

उत्तराखंड की पहली महिला मुख्य सचिव बनाने का पोलटिकल माइलेज लेंगे हरीश रावत

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अगर उत्तराखंड में सत्ता परिवर्तन होती है और मुख्यमंत्री हरीश रावत बनते हैं तो उत्तराखंड की पहली मुख्य सचिव नियुक्त करने का पॉलीटिकल माइलेज भी हरीश रावत ले जाएंगे इसमें कोई दो राय नहीं है आपको बता दें कि वर्तमान में उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू अपने रिटायरमेंट के आखरी वर्ष में चल रहे हैं ऐसे में उत्तराखंड में अब सबसे अधिक सीनियर मोस्ट आईएएस अधिकारी राधा रतूड़ी है जो कि स्थानीय पहली ऐसी महिला अधिकारी है जिन्हें मुख्य सचिव बनाया जाएगा। ऐसे में अगर उत्तराखंड में मुख्यमंत्री हरीश रावत को बनाया जाता है तो ब्यूरोक्रेसी में मुख्य सचिव को लेकर यह एक बड़ा बदलाव रहेगा।