गुरुवार को सीएम त्रिवेंद्र रावत ने सचिवालय मीडिया सेंटर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत में एमएसएमई सेक्टर को कई तरह की रियायतें देते हुए मजबूती प्रदान की गई। साथ ही गरीबों, किसानों श्रमिकों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए गए हैं।

This is how Uttarakhand is becoming self-sufficient.
ऐसे बन रहा उत्तराखंड आत्मनिर्भर।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के 20 लाख करोड़ रूपए के पैकेज की घोषणा के बाद केवल डेढ़ महीने में इसके सकारात्मक प्रभाव भी दिखने लगे हैं। ‘वोकल फाॅर लोकल और मेक इट ग्लोबल’ पर देशवासियों का समर्थन मिल रहा है। एमएसएमई सेक्टर के लिए तीन लाख करोड़ रूपए के कोलेटरल फ्री ऋण की व्यवस्था और 50 हजार करोड़ रूपए का ‘फंड्स आॅफ फंड’ भी बनाया गया है। इंडस्ट्रीज और श्रमिकों के लिए तीन महीने तक ईपीएफ सपोर्ट दिया गया।

Care has been taken for every section.
हर तबके का रखा गया है ख्याल।

सीएम ने कहा कि कोविड-19 जैसी विषम परिस्थितियों में गरीबों, किसानों और मजदूरों की सहायता करने के लिए प्रधानमंत्री जी ने 1.70 लाख करोड़ रूपए की घोषणा की। इसके तहत पीएम कृषि सम्मान निधि की तीन माह की अग्रिम किस्तें किसानों के खातों में जमा की गई। महिला जन-धन खातें में 500-500 रूपए की तीन किस्तें जमा की गईं। उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ से अधिक महिलाओं को तीन गैस सिलेंडर मुफ्त दिए गए। दिव्यांगों, विधवाओं और बुजुर्गों को भी 1 हजार रूपए की आर्थिक सहायता दी गई।

डेढ़ महीने में दिखने लगा आउटपुट।
डेढ़ महीने में दिखने लगा आउटपुट।

गरीब कल्याण अन्न योजना में देश के 80 करोड़ लोगों को राहत देने के लिए अप्रैल,मई व जून तीन माह के लिए निशुल्क खाद्यान्न दिया गया और अब इस योजना को नवम्बर माह तक बढ़ा दिया गया है। इसमें हर महीने प्रति व्यक्ति 5 किलो गेहू या चावल और प्रति परिवार 1 किलो चना नवम्बर तक निशुल्क मिलता रहेगा।  इस योजना पर लगभग डेढ़ लाख करोड़ रूपए खर्च होंगे। किसानों को फसल पर लागत मूल्य का कम से कम डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का निर्णय लिया गया। केंद्र सरकार ने 14 खरीफ फसलों पर एमएसपी को बढ़ाया। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना भी काफी महत्वपूर्ण है। इसके अलावा राज्य सरकार ने राज्य में वापिस लौटे प्रवासियों और युवाओं के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना प्रारम्भ की गई है। इसमें 150 प्रकार के कामों को लिया गया है।