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समाज कल्याण विभाग के सालों से लटकी हुई छात्रवृत्ति को लेकर राज्य सरकार द्वारा बजट की मंजूरी दी गई।

कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया को कैबिनेट में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि पिछले वर्ष 2017-18 और 2018-19 में केन्द्र से छात्रवृत्ति न मिलने के कारण 22 हजार 492 छात्र वंचित थे जिसको लेकर आज कैबिनेट में फैसला लिया गया कि चल रहे इसी वित्त वर्ष के बजट से अनुसूचित जाति की नौवीं, दसवीं छात्रवृत्ति के लिए उनकी मांग के अनुसार मिले कम पैसे का भुगतान राज्य सरकार करेगी जो कि 3 करोड़ 79 लाख है।

इसके अलावा ओबीसी की छात्रवृत्ति में वर्ष (2018-19) के 6007 छात्रों और वर्ष (2019-20) के 14142 छात्रों की छात्रवृत्ति जो कि तकरीबन 4 करोड़ 36 लाख रुपए है उसकी वहन भी राज्य सरकार ने इसी वित्तीय वर्ष के बजट से राज्यांश के रूप में करेगी।

अब गलती की वजह से ऑनलाइन फॉर्म नही होगा रिजेक्ट

इतना ही नहीं छात्रवृत्ति आवेदन को लेकर भी कैबिनेट में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है जिसमें ऑनलाइन
ऑनलाइन फॉर्म भरते समय पहले अगर कोई गलती हो जाती थी तो वह फॉर्म निरस्त कर दिया जाता था लेकिन अब इसमें बदलाव करते हुए ऑनलाइन फॉर्म भरते समय हुई गलती को सुधारने का मौका दिया जाएगा और इसकी जिम्मेदारी समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के ऊपर होगी यानी अब ऑनलाइन छात्रवृत्ति फॉर्म भरते समय यदि त्रुटि होती है तो उसे अस्थाई रूप से निरस्त किया जाएगा।