बीते 18 दिसम्बर को कोविड पॉजिटिव आने के बाद मुख्यमंत्री होम आइसोलेशन पर थे लेकिन कुछ दिन बाद उनकी तबियत बिगड़ी तो उन्हें दून अस्पताल भर्ती करवाया गया जंहा से उन्हें बेहतर उपचार के लिए दिल्ली एम्स में रेफर किया गया। दिल्ली एम्स में कुछ दिनों तक डॉक्टरों के ऑब्सर्वेशन में रहने के बाद उनकी सभी जांचे सामान्य आयी और उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया।
सीएम की तबियत बिगड़ने से इतना हुआ नुकसान..
मुख्यमंत्री के कोरोना हो जाने से हुए उनके कामकाज के नुकसान की बात करें तो सबसे पहले 18 दिसम्बर को कोरोना पॉजिटिव हो जाने से 21 दिसम्बर से हुए शीतकालीन सत्र में सीएम शामिल नही हो पाए। तो वहीं 26 तारीख को प्रस्तावित भाजपा के कोर ग्रुप की बैठक भी इस वजह से नही हो पायी क्यों कि मुख्यमंत्री कोविड पॉजिटिव थे। तो वहीं इसके अलावा भी कई महत्वपूर्ण शासकीय काम काज, फाइलों का निस्तारण मुख्यमंत्री के स्वस्थ ना होने के कारण बाधित रहे। तो वहीं आज से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कामकाज शुरू कर दिया है। उन्होंने अपना आइसोलेशन पीरियड पूरा करने के बाद आज दिल्ली स्थित आवास में फाइलों का निस्तारण शुरू कर दिया है।