dehradun dron searvy by iirs ans usdma

देहरादून शहर में रिष्पना और बिंदाल नदी क्षेत्र में भविष्य की चुनोतियों से निपटने के लिए उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) और ISRO की संस्था IIRS यानी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग दोनों मिल कर एक महत्वपूर्ण अध्यन करने जा रहें है

देहरादून शहर में ड्रोन से होने वाले सर्वे को लेकर USDMA और IIRS के बीच हुई बैठक में IIRS के वरिष्ठ वैज्ञानिक Dr. अरिजीत रॉय ने देहरादून शहर के अंतर्गत ISRO द्वारा किये जा रहे अध्यन के बारे में जानकारी दी।

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बैठक में अधिकारियों द्वारा बताया गया कि इस तरह के अध्ययन में पहली बार राज्य के किसी शहरी क्षेत्र का शोध किया गया है और इसके अंतर्गत उच्च क्षमता के ड्रोन के जरिये देहरादून की रिस्पना तथा बिंदाल नदी के किनारे बसे शहरी क्षेत्र का शहरी बाढ़ के लिए अध्ययन और देहरादून शहर के माइक्रो क्लाइमेट पर अध्ययन किया जाना प्रस्तावित है। उच्च क्षमता के ड्रोन द्वारा उच्च कोटि के रेसोल्युशन इमेज (high resolution) बनाई जाएगी तथा उन इलाकों को चिन्हित किया जाएगा जहां तेज़ बारिश होने की दशा में ब्लॉकेज होने की संभावना रहती है और नदी के आस पास के इलाकों के जलमग्न होने की भी सम्भावना रहती है।

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अध्य्यन को 1 वर्ष के भीतर अमली जामा पहनाने का प्रस्ताव बनाया गया है जिसके लेकर चर्चाएं की जा रहीं है। इस अध्ययन को पूरी तरह से उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA)के विशेषज्ञों और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग के वैज्ञानिकों द्वारा ऑपरेट किया जाएगा। इस बैठक में USDMA की अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिदिम अग्रवाल ने IIRS के साथ आपदा सम्बन्धित अन्य विषयों पर सहभागिता दिए जाने के लिए एमओयू किये जाने के निर्देश दिए। MOU को USDMA और IIRS के समन्वय से अंतिम रूप दिया जाएगा तो वही एमओयू जल्द ही तैयार किया जाएगा।

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आपदा प्रबंधन की ACO रिदिम अग्रवाल,ने बताया कि उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग के समन्वय से किये जा रहे इस अध्ययन के अंतर्गत कुछ क्षेत्र वर्तमान में चिन्हित किये जा चुके एवं अन्य क्षेत्रों को चिन्हित करने का कार्य गतिमान है। USDMA द्वारा सफल आपदा प्रबंधन, खोज एवं बचाव के दौरान अत्याधुनिक तकनीकी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए IIRS के साथ MOU किया जाना प्रस्तावित है। मौसम पूर्वचेतावनी को सुदृढ़ करने के लिए वर्तमान में राज्य में 108 Automatic Weather Stations, 28 Rain Gauge,16 Snow Gauge,25 Surface Field Observatory स्थापित की गई हैं। जिससे प्राप्त डाटा IIRS एवं अन्य मौसम सम्बन्धित शोध संस्थानों के साथ साझा किया जा रहा है जिससे हम भविष्य में होने वाली आपदाओं से होने वाली क्षती को कम कर सकते है।

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