भारतीय सभ्यता के अनुसार शादी से पहले लड़का-लड़की के कुंडलियों का मिलान होता है। लेकिन आज के इस दौड़ते भागते दौर में शादी से पहले होरोस्कोप की कम और माइक्रोस्कोप मैच करने की ज्यादा जरूरत है। साइकोस्कोप मैच करने के लिए होता है कंपैटिबिलिटी टेस्ट। कैसे एक छोटा सा टेस्ट आपकी वैवाहिक जिंदगी को खुशहाल बना सकता है आइए आपको बताते हैं।
इस टेस्ट ने नही होगा कभी आपका ब्रेकअप, Avoid Breakup in Relationship
एक पुरुष और एक स्त्री के बीच में संबंधों को अच्छा बनाने के लिए और उनके मानसिक और शारीरिक स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में मनोरोग विशेषज्ञ प्रतिभा शर्मा का कहना है कि उनका कंपैटिबिलिटी का मिलान होना जरूरी है। जिसके लिए रिलेशनशिप कंपैटिबिलिटी टेस्ट किया जाता है। इस टेस्ट से लड़का और लड़की का रिलेशन हमेशा अच्छा रहता है एक दूसरे को समझने में आसानी होती है और रिलेशनशिप के बाद आपसी विवादों की संभावनाएं बेहद कम हो जाती है।
क्यों है कैपेटिबलिटी टेस्ट जरूरी, Why Relationship compatibility test
आज के इस दौर में जहां हर कोई अपनी जिंदगी की भाग दौड़ में लगा हुआ है ऐसे में शादी करना या फिर एक रिलेशन में रहना बेहद चुनौती भरा हो गया है। आज हर कोई अपने अलग एक वैचारिक सोच के साथ आगे बढ़ रहा है। आज लड़कियां लड़कों से भी आगे बढ़ चुकी है ऐसे में रिलेशनशिप में केमिस्ट्री का बनना बेहद मुश्किल हो चुका है। इसी केमिस्ट्री को बनाने के लिए रिलेशनशिप कंपैटिबिलिटी टेस्ट किया जाता है और टेस्ट के जरिए कपल को किस तरह से अपने रिलेशन में आगे बढ़ना और किन क्षेत्रों में काम करने की जरूरत है यह देखा जाता है।
कैसे होता है कॉम्पेटिबलिटी टेस्ट, How to do compatibility test.
रिलेशनशिप कंपैटिबिलिटी टेस्ट आप किसी भी नजदीकी साइकेट्रिस्ट के पास जाकर करवा सकते हैं। इसके लिए लड़का और लड़की दोनों को मनोरोग विशेषज्ञ के पास जाना होगा, कंपैटिबिलिटी टेस्ट आपके स्वभाव को, आपके विचारों को, आपके मानसिक और शारीरिक महत्वकांक्षाओं का अध्यन करता है इतना ही नही लड़का और लड़की दोनों के व्यवहार और विचारों में कहां पर भिन्नता और कहां पर समानता है इसे भी मॉनिटर करता है और टेस्ट का परिणाम साइकैट्रिस्ट को बताता है कि युगल दम्पप्ति के कौन से क्षेत्र में काम करने की जरूरत है और इसके बाद दोनों लड़का-लड़की की अलग अलग और एक साथ भी काउंसलिंग की जाती है। रिलेशनशिप कम्पेटिबलिटी टेस्ट बस आपको रिलेशनशिप की शुरुवात में एक बार कराना होता है और इसके बाद आप एक दूसरे के लिए जीवन भर के लिए सकारात्मक हो जाते हैं। इस टेस्ट का खर्च बेहद कम है और इसमें समय भी काफी कम लगता है।
आज हॉरोस्कोप से ज्यादा साइकोस्कोप जरूरी।Psychoscope is better then Horoscope
कंसलटेंट क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट और दून मेडिकल कॉलेज में विजिटिंग फैकेल्टी डॉ. प्रतिभा शर्मा ने बताया कि आज कल ज्यादातर यूथ रिलेशनशिप में हैं। इनमें से कुछ शादी करना चाहते हैं, कुछ शादी नही करना चाहते हैं, कुछ लोग केवल लिव-इन रिलेशनशिप में रहना चाहते हैं, और कुछ लोग रिलेशनशिप को लेकर कन्फ्यूज है। डॉक्टर ने बताया कि आज कल शादी शुदा लोगों में भी कॉम्पेटिबलिटी मैच नही कर रही है जिस वजह से एक्स्ट्रा मेरिटीयल अफेयर होते हैं और फिर परिवार में परेशानियां शुरू हो जाती है। डॉक्टर ने बताया कि अगर युगल दम्पति की मानसिक और शाररिक कॉम्पेटिबलिटी नही मिलती है तो समस्याएं शुरू हो जाती है। रिलेशनशिप में मोजूद यूथ आज पेरेंट्स को समझना नही चाहते है, तो कही ब्रेकअप हो जाते हैं और फिर यूथ डिप्रेशन में चला जा रहा है। ऐसे में रिलेशनशिप कॉम्पेटिबलिटी टेस्ट बेहद जरूरी बन चुकी है।
डॉक्टर प्रतिभा शर्मा का कहना है कि उनके 25 साल के अनुभव से उन्हें यह देखा है कि जहां पुराने दौर में होरोस्कोप यानी कुंडलियां मिलान की जाती थी तो आज के दौर में थोड़ा समय बदला है और आज साईकोस्कोप मिलान पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।
पश्चिमी समाज का भारत के यूथ पर ज्यादा असर। Western culture effect in India.
डॉक्टर प्रतिभा शर्मा के अनुसार आज हिंदुस्तान के ज्यादातर वैश्विक संस्कृति यानी वेस्टेन्डीज कल्चर (Western culture) का असर है। आज फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम सहित तमाम सोशल मीडिया के प्लेटफार्म और इंटरनेट ने पार्टनर की उपलब्धता बेहद आसान कर दी है जिसकी वजह से यूथ ज्यादातर पश्चिमी देशों के कल्चर में घुल रहा है और इस आसानी से मिले साथ कि अहमियत आज यूथ के लिए कम होती जा रही है। ऐसे में उन्हें नए हिंदुस्तान की पुरानी सभ्यता की ओर धकेलना बेहद मुश्किल है जंहा संस्कृति और रिश्तों की अहमियत की एक अलग परिभाषा थी। इस दौर में समय के अनुरूप हमें ढालना ही होगा जिसके लियर देखते हुए कपल कंपैटिबिलिटी आज बेहद जरूरी हो गई है।
कम्पेटिबलिटी ना होने से तलाक, ब्रेकअप और सुसाइड केस तक हो जाते हैं। Cause of compatibility is Living relationship, extramarital affair, divorce and also suicide cases
मानसिक रोग विशेषज्ञ प्रतिभा शर्मा का कहना है कि कंपैटिबिलिटी टेस्ट से युगल दंपतियों के व्यवहारिक और भावनात्मक पहलुओं को देखा जाता है साथ ही रिपोर्ट में यह भी सामने आता है कि कपल में किसके भावनात्मक पहलू पर काम करने की जरूरत है और किस के व्यावहारिक पहलू पर। डॉक्टर के अनुसार अगर समय रहते इन विषयों पर काम नहीं किया जाता है तो स्थिति तलाक तक पहुंच जाती है और अगर युवाओं की बात करें तो ब्रेकअप होता है और यहां से यूथ मानसिक तनाव की तरफ जाता है और कई केस में नौबत सुसाइड केस तक भी आ जाती है ऐसे में रिलेशनशिप में आने से पहले कंपैटिबिलिटी टेस्ट बेहद जरूरी है।