migration in rudraprayag last 10 years

उत्तराखंड पलायन आयोग द्वारा मुख्यमंत्री को सौंपी गई की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि रुद्रप्रयाग जिले में पिछले 10 सालों में 30570 लोगों ने पलायन किया है। इसमें पलायन करने वाले ज्यादातर 26 से 35 वर्ष के युवा है और अस्थायी पलायन ज्यादा हुआ है।

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उत्तराखंड पलायन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 10 वर्षों में रूद्रप्रयाग जनपद से 316 ग्राम पंचायतों से 22735 लोगों द्वारा अस्थाई पलायन किया। यह पलायन जनपद के अन्दर एक स्थान से दूसरे स्थान पर हुआ। जबकि 7835 व्यक्तियों द्वारा पूर्ण रूप से स्थाई पलायन किया गया। जनपद में स्थाई पलायन की तुलना में अस्थाई पलायन अधिक हुआ है।  लगभग 40 प्रतिशत पलायन 26 से 35 वर्ष के आयु वर्ग द्वारा किया गया। 2011 की जनगणना के अनुसार जनपद रूद्रप्रयाग की जनसंख्या 02 लाख 42 हजार 285 है। जनपद की 80 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। 

migration in rudraprayag
(Migrated Old House)

पलायन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार जनपद रूद्रप्रयाग विकासखण्ड ऊखीमठ की जनसंख्या में 11 प्रतिशत की वृद्धि एवं विकासखण्ड अगस्तमुनी की जनसंख्या में 02 प्रतिशत की कमी आई है। राज्य घरेलू उत्पाद के आधार पर वर्ष 2016-17 अनुमानों में जनपद रूद्रप्रयाग की प्रतिव्यक्ति आय अनुमानित 83521 रूपये है। रूद्रप्रयाग और टिहरी जनपद की प्रति व्यक्ति आय अन्य पर्वतीय जिलों की तुलना में कम है। जनपद का मानव विकास सूचकांक अन्य पर्वतीय जिलों से कम है। जनपद रूद्रप्रयाग में कुल 688 ग्रामों में से 653 आबाद एवं 35 गैर आबाद ग्राम हैं। जनपद के तीनों विकासखण्डों में कुल 20 राजस्व ग्राम/तोक हैं।

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(पलायन कर परिवार का घर)

पलायन को रोकने के लिए आयोग ने सुझाव दिए हैं कि रूद्रप्रयाग जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास को सुदृढ़ बनाने और पलायन को कम करने के लिए जनपद के प्रमुख पर्यटक और धार्मिक स्थलों की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करना होगा। जनपद में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना जरूरी है। जनपद में महिलाओं की आबादी अधिक है, महिलाओं को कौशल विकास से संबंधित प्रशिक्षण के साथ ही महिला स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देना होगा।