अनलॉक-5 की गाइडलाइन के बाद अब बिना कोविड टेस्ट और बिना कोरेन्टीन के भी आप कुछ मेजर मानकों का ध्यान रखते हुए उत्तराखंड की विश्वविख्यात धार्मिक यात्रा, चार धामो के दर्शन के लिए जा सकते हैं, राज्य सरकार ने इसको लेकर आदेश जारी कर दिये हैं। अब तक साढ़े 4 हजार से ज्यादा ई-पास जारी किए जा चुके हैं जिन्हें देखते हुए अब चार धाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों की संख्या में इजाफा हो सकता है। क्या है सरकार की व्यवस्थाएं वो भी जान लीजिए।
चार धाम यात्रा कोविड की दुश्वारियों की बीच प्रदेश के लोगों के लिए 1 जुलाई और कड़े मानकों के साथ 25 जुलाई से सभी के लिए खोली गई थी। अभी तक कोविड टेस्ट की नेगिटिव रिपोर्ट, कोरेन्टीन सहित तमाम मानकों के बावजूद भी तीन महीनों में 92516 ई- पास जारी हो चुकें है जिसमे से अभी तक 50 हजार से अधिक तीर्थयात्री चार धाम के दर्शन कर चुके हैं।
अभी तक चार धाम तीर्थयात्रा के लिए उत्तराखंड से बाहर से आने वाले तीर्थ यात्रीयों को 72 घंटे पूर्व की आईसीएमआर से प्रमाणित लैब से कोरोना जांच की नैगेटिव रिपोर्ट या फिर क्वारंटीन पीरियड का प्रमाण पत्र देना पड़ता था लेकिन अब इस मानक को खत्म कर दिया गया है और अब आप केवल अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए देश के किसी भी कोने से उत्तराखंड चार धाम यात्रा के लिए अधिकृत देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर आसानी से चारधाम यात्रा के लिए ई-पास बना सकते है।
चार धाम यात्रा के लिए ई-पास बनाने के लिए आपको चार धाम यात्रा के लिए अधिकृत देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट www.badrinath-kedarnath.gov.in
पर जाकर अप्लाई करना होगा। नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के भी आप चार धाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते है और ई-पास प्राप्त कर सकते हैं।
चार धाम ई-पास बुकिंग के लिए यंहा क्लिक करें
आपको बता दें कि अब तक उत्तराखंड देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड की वेबसाइट पर 4844 लोगों ने चार धामों के लिए ई -पास बुक कराये हैं। जिसमें बदरीनाथ धाम के लिए 1172, केदारनाथ धाम के लिए 2647, गंगोत्री धाम हेतु 641 और यमुनोत्री धाम के लिए 384 लोगों ने ई पास बुक कराये है। गढ़वाल कमिश्नर और उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने तत्काल प्रभाव से देवस्थानम बोर्ड द्वारा यमुनोत्री धाम और गंगोत्री धाम में न्यासियों और हकूकधारियों की मदद के लिए देवस्थानम बोर्ड के अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती की है।
चार धाम यात्रा के लिए लोगों के बढ़ते रुझान को देखते हुए कोरोना महामारी से बचाव और रोकथाम के लिए थर्मल स्क्रीनिंग, सेनेटाइजेशन के बाद ही मंदिरों में तीर्थ यात्रियों को प्रवेश दिया जाएगा। मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है अभी मंदिरों में निर्धारित दूरी से देव दर्शन हो रहे हैं ताकि शोसियल डिसटेंसिंग बनी रहे तथा कोरोना बचाव के मानकों का पालन हो सके। यात्रा मार्ग पर देवस्थानम बोर्ड के यात्री विश्राम गृहों को तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए खोला जा चुका है। तीर्थयात्रियों से अपील की जा रही है कि अति आवश्यक होने पर ही धामों में रूके। कोशिश रहे कि दर्शन के बाद तीर्थ यात्री निकटवर्ती स्टेशनों तक वापस आ जाये। मौसम और सड़कों की स्थिति की जानकारी रखें। सड़को की स्थति अब सामान्य है। बरसात के बावजूद यात्रा मार्ग खुले हुए हैं।
केवल कोरोना के लक्षणवाले लोगों के पाज़िटिव रिपोर्ट आने पर चारधाम यात्रा की अनुमति नहीं होगी जब तक कि उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव नहीं आ जाती। सामान्य जांच में कोरोना के लक्षण पाये जाने पर संबंधित जिला प्रशासन यात्री का कोविड-19 आरटी पीसीआर टेस्ट करवायेंगे। हेली काप्टर से आने वाले तीर्थयात्रियों को ई पास से छूट दी गयी है तथा हेली से दर्शन को पहुंचनेवाले तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य जांच की जिम्मेदारी संबंधित हेली कंपनी की होगी।