शूटिंग में अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी रहे और इस वक्त भारितय जूनियर पिस्टल टीम के कोच जसपाल राणा को इस बार द्रोणाचार्य अवार्ड(dronacharya award) से नवाजा जाएगा।
Jaspal Rana will get dronacharya award
उत्तराखंड की धनोल्टी विधानसभा के जौनपुर ब्लॉक के चिलामु गांव से आने वाले भाजपा नेता नारायण सिंह राणा के पुत्र मशहूर निशानेबाज रहे जसपाल राणा को इस बार द्रोणाचार्य पुरस्कार से नवाजा जाएगा जो कि उनके ओलम्पिक कोटे और मनु भास्कर की सफलता के लिए सम्मान में दिया जा रहा है।
Jaspal Rana will get dronacharya award
आपको बता दें कि जसपाल राणा को निशानेबाजी उनकी विरासत में उनके पिता नारायण सिंह राणा से मिली है। टिहरी जनपद के जौनपुर ब्लॉक में पड़ने वाले चिलामु गांव के निवासी नारायण सिंह राणा इस समय भजापा के बड़े नेता है और देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सम्धि हैं।
नारायण सिंह राणा भी निशानेबाजी के खिलाड़ी रह चुके हैं और आज भी देहरादून पौंधा में शूटिंग अकेडमी को संचालित करते हैं तो वहीं नारायण सिंह राणा के पुत्र जसपाल राणा ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निशानेबाजी में देश का और उत्तराखंड के साथ साथ टिहरी जिले के जौनपुर ब्लॉक का नाम रोशन किया है। नारायण सिंह राणा की बेटी और जसपाल राणा की बहन देवांशी राणा भी शूटिंग में नेशनल लेबल पर कई मेडल जीत चुकी है।
जसपाल राणा का जन्म 28 जून 1976 में उनके पैतृक गांव चिलामु में हुआ था। वो इस समय जूनियर भारतीय पिस्टल टीम के मुख्य कोच हैं। उन्होंने साल 1995 में इटली के मिलान शहर में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में पहली दफा लगातार 8 गोल्ड मेडल जीत कर इतिहास रचा था। शूटिंग चेम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था। उस दौर में यह किसी भी भारतीय निशानेबाज का सर्वोच्च प्रदर्शन था।
Jaspal Rana will get dronacharya award
उनके बाद राज्यवर्धन सिंह राठौर और अभिनव बिंद्रा ने ओलंपिक में शूटिंग में मेडल जीते लेकिन देश मे निशानेबाज़ी का श्रेय जसपाल राणा को ही जाता है यही वजह है कि वर्ष 1994 में अर्जुन पुरस्कार से भी उन्हें सम्मनित किया जा चुका है। यही नही इसके अलावा भी उन्होंने कई पदक अपने नाम किये हैं।