Mahanirvan Parv

इस साल भी श्री गुरु राम राय जी महाराज का 337वां महानिर्वाण पर्व (Mahanirvan Parv) परंपरागत स्वरूप में शनिवार को श्रद्धापूर्वक मनाया गया गया। दरबार साहिब के महंत देवेन्द्र दास ने महानिर्वाण पर्व पर विशेष पूजा अर्चना की | Mahanirvan Parv Celebrated In Darbar Saheb

महंत देवेंद्र दस ने झण्डे जी परिसर के पास स्थित तालाब के किनारे श्री गुरु राम राय जी महाराज को तर्पण अर्पित किया। इसके पश्चात 17 पुरोहितों द्वारा चावल, दूध, शहद, गंगाजल, घी एवं शक्कर का पिण्ड बनाकर पूजन किया गया। श्री दरबार साहिब के आचार्य, पण्डित व पुरोहितों ने पूजा-अर्चना में सहयोग किया। इसके पश्चात संगतों को फलों का प्रसाद वितरित किया गया।

देश–विदेशों से आशीर्वाद लेने आई संगते | Mahanirvan Parv Celebrated In Darbar Saheb

Mahanirvan Parv Celebrated In Darbar Saheb

देश के कोने-कोने से तथा विदेश से भी आए श्रद्धालुओं को श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने आशीर्वाद दिया। तदोपरान्त विशेष लंगर का आयोजन किया गया। सायं-काल में श्रद्धालुओं को हलवा-पूरी एवं चूरमा का प्रसाद वितरित किया गया। देश के विभिन्न राज्यों से आए हजारों वृद्ध, युवा तथा बच्चों ने इस महानिर्वाण पर्व की पूजा अर्चना का हिस्सा बनकर अपने आपको धन्य महसूस किया।

इंद्रेश अस्पताल के डॉक्टर भी रहे मौजूद | Mahanirvan Parv Celebrated In Darbar Saheb

महानिर्वाण पर्व में शामिल होने के लिए आई संगतों ने श्रद्धा भाव के साथ पूजा अर्चना में भाग लिया। महंत इंद्रेश अस्पताल के डाॅक्टरों की टीम मेडिकल सहायता के लिए श्री दरबार साहिब में उपलब्ध रही। श्री गुरु राम राय जी महाराज का जन्म 1646 ई0 में चैत्र मास की पंचमी को हुआ था। वर्ष 1676 में गुरु महाराज जी देहरादून आए थे। देहरादून को श्री गुरु महाराज जी ने अपनी कर्मस्थली बनाकर पावन किया।

क्यूं मनाया जाता है महानिर्वाण पर्व ? Mahanirvan Parv Celebrated In Darbar Saheb

श्री गुरु राम राय जी महाराज के डेरे के नाम से ही नगर का नाम देहरादून पड़ा। भाद्रसुदी 8 सवंत 1744 (4 सितम्बर सन् 1687) को वे परमात्मा का ध्यान करते हुए परमात्मा में लीन हो गए। श्री गुरु महाराज जी की आत्मा को अमर मानते हुए संगतें समाधि की सेवा करती हैं और श्रद्धालु इस दिन को महानिर्वाण पर्व के रूप में मनाते हैं। श्री दरबार साहिब के महंत देवेन्द्र दास ने कहा कि गुरु को ईश्वर से भी ऊपर का स्थान प्राप्त है। क्योंकि गुरु के ज्ञान व गुरु के बताए मार्ग से हम ईश्वर को प्राप्त कर सकते हैं।

गुरु के प्रति सम्मान का पर्व महानिर्वाण पर्व | Mahanirvan Parv Celebrated In Darbar Saheb

गुरु पर्व गुरु के प्रति सम्मान एवम् समर्पण का पर्व है। इस दिन गुरु की पूजा करने से गुरु की दीक्षा का पूरा फल उनके शिष्यों को मिलता है। किसी व्यक्ति को अध्यात्म की दिशा में बढ़ने के लिए उन्हें गुरु की आवश्यकता होती है। इस अवसर पर उन्होंने देशवासियों के सुख, समृद्धि व शांति की अरदास भी की। दरबार साहिब में सुबह से लेकर देर शाम तक संगतों का तांता लगा रहा है। संगतों ने श्री झण्डे साहिब, श्री दरबार साहिब के दर्शन किए और महाराज जी से आशीर्वाद प्राप्त किया।

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