चार धाम के पास ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन (Uttarakhand Radar System Malfunctioned) और रेन गेज के उपकरण खराब पड़े हैं। कई जगह वेदर स्टेशन और रेन गेज भारी बारिश के कारण सही काम नहीं कर पा रहे हैं तो कहीं बैटरी खराब होने के कारण दिक्कत आ रही है |
Uttarakhand Radar System Malfunctioned
ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन और रेन गेज से मिले डाटा के आधार पर ही मौसम विज्ञान केंद्र आने वाले मौसम का अनुमान जारी करते हैं, लेकिन उपकरण खराब होने से मौसम की सटीक जानकारी नहीं मिल पा रही है। आपको बता दें कि चार धाम के साथ ही उत्तराखंड के कई पहाड़ी इलाकों में करीब 10 % ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन और रेन गेज के उपकरण खराब पड़े हैं। वेदर स्टेशन और रेन गेज भारी बारिश के कारण काम नहीं कर पा रहे हैं तो कहीं बैटरी खराब होने के कारण बंद पड़े हैं।
क्या काम करता है ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन | Uttarakhand Radar System Malfunctioned
ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन प्रति घंटे या प्रोग्रामिंग के अनुसार अपने आसपास के मौसम जैसे हवा की रफ्तार तापमान बारिश हवा में नमी आदि की सटीक जानकारी देता है। ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन से मिली जानकारी के आधार पर ही मौसम विज्ञान केंद्र मौसम का अनुमान, अलर्ट जारी करते हैं। लेकिन उपकरण खराब होने के कारण मौसम की सटीक जानकारी नहीं मिल पा रही है जिसके कारण मौसम विज्ञान केंद्र के द्वारा जारी किया गया अनुमान गलत साबित हो रहा है।
राज्य में हैं 132 ऑटोमेटिक वेदर सटेशन | Uttarakhand Radar System Malfunctioned
उत्तराखंड मैं मौसम विज्ञान केंद्र के द्वारा प्रदेश भर में 132 ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन और 52 रेन गेज लगाए गए हैं। ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन हर घंटे मौसम की सटीक जानकारी देता है तो वहीं रेन गेज से बारिश के आंकड़ों की सटीक जानकारी मिलती है। लेकिन कई जगह उपकरण खराब या नेटवर्क ना होने के कारण पहाड़ी इलाकों में बारिश से संबंधित डाटा नहीं मिल पा रहा है।
मौसम विभाग ने रडार सिस्टम बेहतर करने की सरकार से की मांग | Uttarakhand Radar System Malfunctioned
मौसम विभाग केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और उत्तरकाशी जैसे पहाड़ी जिलों के उच्च हिमालई क्षेत्रों में लगे वेदर स्टेशन और रेन गेज के उपकरण बारिश के चलते खराब होने की जानकारी दी है तो वहीं उन्होंने बताया कि प्रदेश में रडार सिस्टम को ठीक करने के लिए सरकार से सहयोग मांगा गया है ताकि चार धाम के साथ राज्य भर के मौसम के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त कर मौसम का सटीक अनुमान जारी किया जा सके।