IMG 20250208 WA0036 compressed

38वें राष्ट्रीय खेल के तहत मौली संवाद: नेशनल स्पोर्ट्स विजन कॉन्क्लेव’ के 11वें दिन दो महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किए गए। इन सत्रों में देश के प्रतिष्ठित खिलाड़ियों ने अपनी खेल यात्रा, संघर्ष, मानसिक तैयारी और सफलता के अनुभव साझा किए।
पहले सत्र का विषय था ‘ड्रीम बिग, अचीव बिगर: ए चैंपियन जर्नी’, जिसमें खिलाड़ियों ने अपने अनुभवों से नई पीढ़ी को प्रेरित किया। इस सत्र का संचालन करिश्मा सिंह (न्यूज एडिटर, स्पोर्ट्स टाइम्स नाउ) ने किया।

खिलाड़ियों की प्रेरणादायक कहानियाँ

सत्र में ओलंपिक पदक विजेता शूटर सरबजोत सिंह ने अपनी खेल यात्रा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि किस तरह उन्होंने शूटिंग में करियर की शुरुआत की, अपने दैनिक अभ्यास और मानसिक दृढ़ता को बनाए रखा। उन्होंने खिलाड़ियों को मानसिक रूप से मजबूत रहने और विनम्रता बनाए रखने का संदेश दिया। साथ ही, देहरादून में बने शूटिंग रेंज पर भी अपने अनुभव साझा किए।

इसी सत्र में नीतु घंघास, जो 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक विजेता रह चुकी हैं, ने अपने संघर्षों और उपलब्धियों पर बात की। उन्होंने बताया कि कैसे मैरी कॉम उनकी प्रेरणा रही हैं और वे भविष्य में ओलंपिक्स में भारत का प्रतिनिधित्व करने की तैयारी कर रही हैं। उन्होंने अपने खान-पान और फिटनेस पर भी चर्चा की।
सत्र के अंत में 38वें राष्ट्रीय खेल के सीईओ अमित सिन्हा ने खेलों के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए और सभी सम्माननीय अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए।

दूसरे सत्र में मानसिक मजबूती पर जोर

दूसरा सत्र खेलों में मानसिक तैयारी और आत्मविश्वास पर केंद्रित था। इसका संचालन जी. राजारमन, आई.ओ.ए प्रेस अटैची ने किया।

इस सत्र में ओलंपियन तीरंदाज दीपिका कुमारी ने बताया कि खेलों में सिर्फ शारीरिक प्रशिक्षण ही नहीं, बल्कि मानसिक मजबूती भी उतनी ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि सफलता के लिए आरामदायक क्षेत्र से बाहर निकलना आवश्यक होता है, क्योंकि असली प्रतिभा तभी निखरती है जब खिलाड़ी जोखिम उठाने को तैयार होता है। उन्होंने मानसिक कौशल विकसित करने और सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखने पर जोर दिया।

इसके बाद पैरालंपिक पदक विजेता शरद ने अपनी प्रेरणादायक यात्रा साझा की। उन्होंने बताया कि किस तरह चुनौतियों का सामना करते हुए उन्होंने अपने खेल करियर में उपलब्धियां हासिल कीं। उन्होंने यह भी कहा कि खेल में धैर्य और आत्मविश्वास बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।

इन सत्रों में उपस्थित छात्रों और युवा खिलाड़ियों ने भी अपने सवाल पूछे और दिग्गज एथलीटों से महत्वपूर्ण सीख हासिल की। मौली संवाद’ का यह आयोजन युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणादायक साबित हुआ, जिससे उन्हें खेल और मानसिक मजबूती के महत्व को समझने का अवसर मिला।