Uttrakhans Ex CM Harish Rawatठेठ पहाड़ी लुक में गांव के मकान की छत पर हरीश रावत।

उनके आलोचक चाहे कुछ भी कहें लेकिन हरीश रावत अपने आप में एक ब्रांड है। “हरदा” को चुनावी पैमाने पर लोग अलग तरीके से आंकते है लेकिन उनकी फैन फॉलोइंग आज भी लाजवाब है और इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह है उनकी कुछ टेक्टीस है जिन्है राजनीतीक पैतरे भी कह सकते है और इन्ही की वजह से हर कोई उनका मुरीद हो जाता है। वो गाड़-गधेरे की बात करके, पहाड़ी व्यजनों का स्वाद चख कर, काफल-आम और पहाड़ की पहचान रखने वाले हर एक चीज से एसे कनेक्ट करते हैं कि वो लोगों के दिल में ही उतर जाते हैं। एसा ही उन्होने आज भी किया जब उन्होने ट्वीटर पर टीहरी जिले के जोनपुर-थत्युड़ ब्लाक के गैड गांव की कुछ यादों को ताजा किया।

Harish Rawat in his village
        ठेठ पहाड़ी लुक में गांव के मकान की छत पर हरीश रावत।

70 की उम्र में भी हरदा कभी धरने पर तो कभी पहाड़ के किसी गांव में तो कभी पठाली वाली किसी छत पर, किसी ना किसी तरह से खुद को लोगों से जोड़े हुए है। एसे में आज उन्होने एक बार फिर ठेठ पहाड़ी लुक में एक फोटो ट्वीट किया और कुछ बाते अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखी। दरलस हरीश रावत ने जोनपुर-रवाईं क्षेत्र में पड़ने वाले गैड गांव के कृषी मोडल पर सबका ध्यान खींचा है और उन्होने कहा कि वो इसी मॉडल को धारचुला में मौजूद अपने गांव में भी इस्तमाल करना चाहते हैं। ”

Harish Rawat twitter Screenshot
जौनपुर-थत्यूड़ के गैड गांव की खेती की ख़ासियत बताई हरीश    रावत ने।

“हरदा” का यही अंदाज सबको भाता है। वो गांव के कल्चर को, वहां के खाद्य पदार्थों को वहां संस्कृती को इस तरह से पेश करते हैं कि हर कोई उत्तराखंडी खुद को उस से कनेक्ट करता है। यही नही वो उम्र के इस पड़ाव में जहां रिटायरमेंट नज़दीक है लेकिन उसके बावजूद भी वो लगातार अपने आप को सक्रिय बनाए हुए हैं। उनके प्रतिद्वंधी भले ही इसे उनकी राजनैतिक महत्वाकांक्षा के चश्मे से भी देख सकते हैं लेकिन कम से कम कोई तो है जो पहाड़ों से और पहाड़ियों से अपने प्यार को दर्शाता है। कोई ओर क्यों नही झूठा ही प्यार दिखा देता।

Harish Rawat twitter account
गांव और गांव की खेती और हरिश रावत के विचार।