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देहरादून। उत्तराखण्ड की सुप्रसिद्ध जागर गायिका पद्मश्री बसंती बिष्ट ने सोमवार को श्री दरबार साहिब में माथा टेका। उन्होंने श्री दरबार साहिब के सज्जादे गद्दी नशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया। पद्मश्री बसंती बिष्ट ने श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज को स्वलिखित पुस्तक नंदा के जागर भेंट की। सुप्रसिद्ध जागर गायिका बसंती बिष्ट ने उत्तराखण्डी जागरों से जुड़े एतिहासिक पक्षों व उनके द्वारा गाए गए मां नंदा के जागर से जुड़े विशेष संस्मरण भी सांझा किए। उन्होंने उच्च शिक्षा में श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के योगदान को रेखांकित करते हुए समय समय पर विश्वविद्यालय द्वारा उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति के प्रचार प्रसार में किए जा रहे योगदान की भी भूरी भूरी सराहना की।

मंगलवार को उत्तराखण्ड की सुप्रसिद्ध जागर गायिका बसंती बिष्ट श्री दरबार साहिब पहुंचीं। श्री दरबार साहिब की परंपरा के अनुसार उनका स्वागत किया गया। श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने बसंती बिष्ट को श्री दरबार साहिब का स्मृति चिन्ह भेंट किया। बसंती बिष्ट ने अपने संस्मरण सांझे करते हुए कहा कि जागर उत्तराखण्डी लोक गीतों एवम् संस्कृति की प्राचीनतम विधाओं में से एक है। उन्हांेने जागर के माध्यम से देवताओं का आह्वाहन, मां नंदा देवी की विदाई, ससुराल में स्वागत व नरसिंग जागर के बारे में अविस्मरणीय संस्मरण सांझा किए।

इस अवसर पर बसंती बिष्ट ने कहा कि यह बेहद प्रसन्नता का विषय है कि श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय एवम् एसजीआरआर एजुकेशन मिशन के अन्तर्गत संचालित पब्लिक स्कूलों द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किये जा रहे हैं। एसजीआरआर एजुकेशन मिशन दशकों से गुणवत्तापरक शिक्षा रियायती दरों पर प्रदान कर रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी एसजीआरआर ग्रुप इसी प्रकार जन हित से जुड़े उल्लेखनीय कार्य करता रहेगा।

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