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देहरादून: उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेल के आयोजन से पहले एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया, जिसे उत्तराखंड के खेल सहायक निदेशक, संदीप पौड़ी ने संचालित किया। इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में सी.ओ. पूर्णिमा गर्ग और द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता, हंसा मनराल उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में राज्यभर से कई खेल प्रशिक्षकमौजूद रहे।

सी.ओ. पूर्णिमा गर्ग ने राष्ट्रीय खेल के आयोजन के लिए सभी को बधाई देते हुए खेलों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि खेल न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, बल्कि वह युवाओं को नशे और सोशल मीडिया जैसी बुरी लतों से भी दूर रखते हैं। उन्होंने प्रशिक्षकों को निर्देश दिया कि वे अपने खिलाड़ियों के लिए एक सकारात्मक वातावरण तैयार करें, जिससे खेल शिविर के दौरान, यदि किसी खिलाड़ी को भोजन, आवास या अन्य किसी समस्या का सामना करना पड़े तो वह अपने कोच से खुलकर बात कर सके।

इसके साथ ही, उन्होंने प्रशिक्षकों से कुछ महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबर साझा किया और उत्तराखंड पुलिस ऐप डाउनलोड करने की सलाह दी। जिससे खिलाड़ी और कोच किसी भी समस्या के समाधान के लिए आसानी से पुलिस को संपर्क कर सकें।

द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता हंसा मनराल ने प्रशिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि अपने ज्ञान को निरंतर बढ़ाना आज की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कोच को अपनी भूमिका केवल खेल सिखाने तक सीमित नहीं रखनी चाहिए, बल्कि उन्हें खिलाड़ियों की क्षमता पहचानने और उन्हें बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए। यह सत्र प्रशिक्षकों के कौशल को अधिक विकसित करने के लिए एक सार्थक प्रयास था, जो भविष्य में उत्तराखंड को खेल के क्षेत्र में नई उचाईयों को छूने में मदद करेगा।